Bhimrao Ramji Ambedkar Jayanti 2024
Bhimrao Ramji Ambedkar Jayanti 2024 :- आप सभी को भीमराव रामजी आंबेडकर जयंती की ढेर सारी शुभ कामनाएँ। जैसे कि आप सभी को पता ही होगा कि भीमराव आंबेडकर जी एक भारत देश के एक बहुत ही बड़े समाज सुधारक थे। उन्होंने दलित बोध आंदोलन को प्रेरित किया और साथ ही में छूत अछूत के भेदभाव को इस समाज से दूर करने का प्रयास किया। साथ ही उन्होंने भारत देश के सभी किसानो और मेहलायो के हित के लिए हमेशा आवाज़ उठायी। उन्होंने भारत देश में कई सारे सुधार करने के लिए कई आंदोलन चलाये ताकि भारत देश के नागरिक इस आंदोलन से परिचय रहे।
वही भारत देश के महराष्ट्र सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इस दिन को “ज्ञान दिवस” के रूप में भी मनाया जाएगा। आइए तो फिर आगे हम जनते है भीमराव रामजी आंबेडकर के जीवन के बारे में विस्तार से। आप को बता दे कि भीमराव रामजी आंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल सन् 1981 में महू में एक दलित महार परिवार में हुआ था। भारत देश में कई सालो तक अँगरेज़ सरकार ने राज़ किया था। जिन्हे भारत देश के कई महापुरषो ने मिल कर भारत देश को आज़ाद कराया था।
वही भारत देश के आज़ाद होने के बाद भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने देश के हालात को और भी ज़्यादा सुधार करने के लिए अपना बहुत सारा योगदान डाला। आर्थिक और समाजिक भेदभाव का सामना करने वाले भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने कभी भी हार नहीं मानी साथ ही उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्ष किये जिन्हे आज पूरी दुनिया जानती है। भीमराव रामजी आंबेडकर जी अपने अंदर काफी सकरात्मक सोच रखते थे तथा दुसरो को भी ऐसी सोच रख ने की प्रेरणा देते थे। उन के विचार, सोच तथा समाजवादी वाले उच्च विचार इन्हे आम लोक से काफी ज़्यादा अलग बनाती थी।
इन्होने भारत देश के कई मंच में भाषण दिए जिन्हे सुन कर नौजवानो में देश के हालात को सुधारने की काफी ज़्यादा जागरूकता आती थी। भीमराव रामजी आंबेडकर जयंती को लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते है। इस दिन भारत देश के कुछ राज्यों में स्कूल और कॉलेज मैं छुट्टी दी जाती है। इस दिन सभी भीमराव रामजी आंबेडकर जी को श्रद्धांजलि भी देते है। इस दिन स्कूलों और कॉलेज में रैलियां निकाली जताई है और साथ ही भीमराव रामजी आंबेडकर जी को याद किया जाता है कि कैसे उन्होंने इस देश को आगे बढ़ाने और रूढ़िवादी सोच को खत्म करने का संगठन लिया था।
भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने लेबर वर्ग में सुधार लाने के लिए कई बड़े बदलाव किये। भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने इकोनॉमिक्स में अपनी डॉक्टर की डिग्री पर्पट करने वाले भारत देश के पहले नागरिक थे। उन्होंने इकोनॉमिक्स में पहले पीएचडी और दक्षिण एशिया इकोनॉमिक्स में डबल डॉक्टर होल्डर भी थे। भीमराव रामजी आंबेडकर जी एक बहुत ही बड़े समाज सेवक थे। भारत देश के आज़ाद होने के बाद देश में कई तरह के लोग रूढ़िवादी सोच रखते थे। उस समय छूत छात, जातियों और धर्मो को ले कर काफी ज़्यादा इस का चाल चलन था।
जहाँ सभी ऊँची धर्म के लोग निचे धर्म के लोगो को अपने इशारो पर चलाते थे और उन पर काफी ज़्यादा अत्याचार भी किया करते थे। इन सभी का अंत करने के लिए ही भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने इस के विरुद्ध आवाज़ उठायी। वह गरीब लोग ज़रूरतमंद लोगो के हित के लिए हमेशा आगे खड़े रहते थे। भीमराव रामजी आंबेडकर जी वकील थे जहाँ वह सब के हित के लिए आवाज़ उठाते थे। आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने कहा था कि भारत देश की मैहलायो को भी पुरषो के समान सभी अधिकार मिलने चाहिए।
वही पिता की सभी ज़ायदाद में जितना लड़को का अधिकार है उतना ही लड़की का भी अधिकार होना चाहिए। इन सभी अधिकारों का एक बिल पास करवाना चाहा था। ताकि वह स्त्रियों को पूरा अपना अधिकार दिलवा सके। परन्तु इस बिल को कैबिनेट में पास करने की मंज़ूरी नहीं दी गयी। जिस कारण भीमराव रामजी आंबेडकर जी ने सन् 1951 में अपने वकील पद से अस्तीफा दे दिया था। जैसे कि आप सभी को पता ही है कि भीमराव रामजी आंबेडकर जी का जन्म महार जाती में हुआ था। तब महार जाती को काफी नीची जात और साथ ही गरीब समझा जाता था। उन के पास जमीन नहीं हुआ करती थी।
जो पीछे से चलती आ रही रिवाज़ के अनुसार जो पहले से ही महार जाती के लोग काम करते थे वही उन के बच्चो द्वारा किया जाता था। परन्तु आप सभी को बता दे कि महार जाती से भीमराव रामजी आंबेडकर जी पहले पुरष थे जिन्होंने अपना कॉलेज खत्म किया और पढ़ने के लिए विदेश गए। साथ ही उन्होंने कई अलग अलग प्रकार की सरकारी नौकरी की ताकि वह इस अर्थ जाति विवस्था को खत्म कर सके।