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₹10 का नोट 12 लाख में; जानें ऐसा क्‍या है खास, ₹100 का नोट 56 लाख रुपये में बिका,

Manoj Dey

लंदन में हुए एक नीलामी के दौरान 100 रुपये का भारतीय नोट 56 लाख रुपये और 10 रुपये के दो नोट 12 लाख रुपये में ब‍िके. जान‍िए इन भारतीय नोटों में ऐसा क्‍या खास है, जिसके ल‍िए लोगों ने इतनी मोटी रकम चुकाई.

 

नई द‍िल्‍ली. लंदन में एक अनोखी नीलामी हुई. इसमें 100 रुपये के भारतीय नोट की कीमत 56,49,650 रुपये रही. इस नोट को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हे 1950 के दशक में जारी किया था, जिसका सीरियल नंबर HA 078400 था. ये कोई साधारण नोट नहीं था. यह ‘हज नोट’ के नाम से जानी जाने वाली एक खास श्रृंखला का हिस्सा था. 20वीं सदी के मध्य में आरबीआई ने ये नोट खास तौर पर हज यात्रा के लिए खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए जारी किए थे. सोने की अवैध खरीदारी को रोकने के ल‍िए इसको जारी क‍िया गया था.

इन नोटों में नंबर से पहले एक यून‍िक प्रीफ‍िक्‍स ‘HA’ लगा हुआ था, जिससे उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता था. ये नोट स्‍टैंडर्ड भारतीय मुद्रा नोटों से रंग में अलग थे. हालांकि वे कुछ खाड़ी देशों में वैलिड थे, जहां भारतीय रुपया स्वीकार किया जाता था. जैसे क‍ि संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत और ओमान, लेकिन वे भारत के भीतर वैध नहीं थे.

 

दुर्लभ हैं ये नोट
1961 में कुवैत ने अपनी मुद्रा शुरू की, उसके बाद अन्य खाड़ी देशों ने भी इसे शुरू किया. इससे पहले कुवैत में भारतीय मुद्रा ही इस्‍तेमाल होते थे. नतीजा ये हुआ क‍ि 1970 के दशक में हज नोट जारी करना बंद कर दिया गया. आज, इन नोटों को दुर्लभ माना जाता है और मुद्रा संग्राहकों के बीच इनका काफी महत्व है, इनका मूल्य स्थिति और दुर्लभता जैसे कारकों पर निर्भर करता है.

 

10 रुपये के नोट 12 लाख रुपये से ज्‍यादा में बिके
लंदन में एक अन्य नीलामी में 10 रुपये के दो पुराने नोटों की असाधारण कीमत लगी, जिनमें से एक की कीमत 6.90 लाख रुपये और दूसरे की कीमत 5.80 लाख रुपये थी. ये नोट कोई साधारण मुद्रा नहीं हैं, बल्कि ऐतिहासिक युग से जुड़े हैं, जिसकी वजह से ये काफी लोकप्रिय हैं. 25 मई, 1918 को जारी किए गए इन नोटों का ऐतिहासिक महत्व बहुत ज्‍यादा है, क्योंकि ये प्रथम विश्व युद्ध के अंतिम वर्षों के हैं. इनके आकर्षण में ब्रिटिश जहाज एसएस शिराला से इनका संबंध भी शामिल है. 2 जुलाई, 1918 को एसएस शिराला को एक जर्मन यू-बोट ने टारपीडो से उड़ा दिया था, जिसकी वजह से यह डूब गया था. जहाज के मलबे और इतिहास से इसके संबंध इन नोटों को असाधारण रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं.

 

 

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