Aditya L1 Sun Mission launch :- आज भारत हर एक तकनीक में सबसे आगे है। आपको बता दिया जाए कि भारत ने पहले चंद्रयान वाले मिशन पर अपनी पूरी जीत हासिल की थी और ISRO द्वारा चंद्रयान को चाँद पर लैंड करवाया था और successfully चंद्रयान लैंड हो भी गया था। यह वह मौका था जहाँ भारतवासियों को ISRO की पूरी टीम और अपने महान देश पर बहुत ज़्यादा गर्व है। आइए फिर आगे जानते है इस मिशन के बारे में विस्तार से।
आपको बता दिया जाए कि 2 सितम्बर 2023 जो कि पुरे भारत के इतिहास में महतत्व दिन था क्योकि आपको बता दे कि Aditya L1 इसी दिन लांच किया गया था। तो अब फिर जानते है कि क्या है Aditya L1 ? तो आप सभी को बता दिया जाए के आदित्य का मतलब सूरज और साथ ही में L1 का मतलब Lagrange Point, इसी के साथ आप सभी को Newton के लॉ तो पता ही होंगे। आपको बता दिया जाए के Newton का third law “For Every Action there is an equal and opposite reaction” जो कि यह रूल स्पेस में भी इस्तेमाल होता है।
अगर आपको आसान और सरल भाषा में समझाया कि सूरज की ग्रेविटी जो कि earth को प्रभावित करती है और साथ ही में पृथिवी की ग्रेविटी भी सूरज को प्रभावित करती है जिस कारन दोनों साइड के ग्रेविटी की पावर एक दूसरे के साथ वॉर की तरह एक दूसरे से टकराते है। पर एक टाइम पर कुछ ऐसा होता है कि दोनों साइड के gravitation फोर्सेज एक दूसरे के साथ टकरा के cancel कर देते है। ऐसे में 5 पॉइंट बनते है और एक्सिस्ट करते है जिन्हे L1, L2, L3, L4 और L5 नाम दिए गए है।
आपको बता दिया जाए L2 पॉइंट पर NASA का सबसे ज़्यादा शक्तिशाली टेलिस्कोप “The James Webb” टेलिस्कोप है जो कि हमारे यूनिवर्स की सुन्दर इमेज को capture करता है। आपको बता दिया जाए कि यह सभी L पॉइंट्स काफी ज़्यादा महत्वपूर्ण होते है तभी इन्हे मिशन के लिए चुना जाता है क्योकि यह हमारी मदद करती है। आपको बता दिया जाए कि L1 को सूरज की फ्रंट रौ सीट मिलती है जहाँ से वह 24*7 सूरज का व्यू मिलता है। सबसे ज़्यादा महतत्वपूर्ण बात कि L1 को वहां रहने के लिए हमें सबसे कम फ्यूल लगता है
हम चाँद पर तो लैंड कर सकते है पर हम सूरज पर लैंड नहीं कर सकते क्योकि सूरज का almost तामपान 5,500 डिग्री सेल्सियस है। चाँद हमारे से almost 3,80,000 km दूर है और वही सूरज हमारे से 150 मिलियन दूर है। पर हमें इतनी दूर जाने की ज़रुरत नहीं है। हम चंद्रयान तक का ही सफर तय करेंगे। आपको बता दिया जाये कि इस मिशन का कीमत 400 करोड़ है। आपको बता दे कि सनलाइट को पृथ्वी तक पहुँचने के लिए 8 मिनट का समय लगता है। लेकिन वही आदित्य L1 को इस पॉइंट तक पहुंचने के लिए 4 महीने लगेंगे जहाँ चंद्रयान सिर्फ सिर्फ 14 दिनों तक ही एक्टिव रहने वाला है।
जबकि आदित्य L1 पुरे 5 साल के लिए एक्टिव होगा। आपको बता दिया जाए कि आदित्य L1 सूरज के Corona यानी कि सूरज का सबसे बाहरली परत होता है और सूरज के बीचो बीच में nuclear fusion होता है जहाँ गर्मी का तापमान और तेज़ होता रहता है। अगर आप कोर से जितना दूर जाते रहोगे गर्मी उतनी ही कम होती जायेगी। सूरज के सरफेस का तापमान कुछ 5000 से 6000 डिग्री सेल्सियस होता है। और सूरज के बाहरली परत कोरोना का तापमान 1 से 3 मिलियन डिग्री सेल्सियस होता है।
भारत ने पहले चंद्रयान 3 को लांच करवाया था और यह भी पता लग गया है के अब हम कोई और celestial body पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकते है। इसका मतलब हम क्रैश किया बिना payload को सुरक्षित वहां पहुंचा सकते है। अगर हमें भविष्य में human को स्पेस में वहां भेजना हो तो ऐसे रिस्क काफी ज़्यादा बढ़ जाते है। इस से पहले केवल 3 देशो ने ही सॉफ्ट लैंडिंग की थी जिनमे America, Russia और China जो कि इन देश की इकॉनमी हमारे भारत देश से काफी ज़्यादा बड़ी है।
आदित्य L1 sun मिशन हमारा सबसे पहला सुन फोकस्ड मिशन होने वाला है। इस पर भारत सूरज का पृथ्वी पर क्या impact पड़ता है उसकी जांच करेगा। सूरज हमारे पृथ्वी का primary energy source है। 180 पेटवात एनर्जी रिलीज़ होती है जो कि पृथ्वी के वातावरण तक पहुंचती है जो कि 30% अब्सॉर्ब होती है 70% रिफ्लेक्ट हो जाती है। इन्ही सब को अब्सॉर्ब करना हमारे लिए भविष्य में काम आ सकता है।
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज के… Read More
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज के… Read More
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज कल… Read More
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज कल… Read More
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की ओल्ड कोइन्स… Read More
Old Coin Sale :- आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज के… Read More
View Comments