April Fool’s Day 2024
April Fool’s Day 2024 :- जैसे कि आप सभी को पता ही है कि हर साल एक ना एक ऐसा डे ज़रूर होता है जो केवल मनोरंजन के तौर पर लोग इसे मनाते है। ऐसे ही हर वर्ष 1 अप्रैल को अप्रैल फूल मनाया जाता है। यह दिन अप्रैल महीने के शुरू होते ही मनाया जाता है। इस दिन को सभी लोग चुटकलों और शरारती से मनाते है। जिसे सभी लोगो द्वारा एक “अप्रैल फूल दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में लोग इस दिन को बड़े अतरंगी तरीके से मनाते है। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को बेवकूफ बनाते है ताकि वह एक दूसरे से फ्रैंक कर सकते है।
1 अप्रैल का दिन आमतौर पर मस्ती और मज़ाक से भरा हुआ होता है। अगर आप इस दिन किसी से मज़ाक भी करो तो कोई बुरा भी नहीं मनाता। इस दिन लोगो में काफी ज़्यादा उत्साह देख ने को मिलता है। इस दिन लोग एक दूसरे से मस्ती का झूठ का नाटक कर एक दूसरे को हसाते है। इस तरह से यह दिन ख़ुशी और उमंग से भी भरा हुआ होता है। इस दिन लोग एक दूसरे को उल्लू बनाते है। अगर तो उन की चोरी पकड़ी जाती है तो वो नाकाम हो जाते है। अगर वही वह दसूरे लोगो को उल्लू बनाने में सफल हो जाते है तो वह अप्रैल फूल अप्रैल फूल कर के चिलाने लगते है।
इस दिन को इस तरह ख़ुशी और चाह से मानना सभी के रिश्तेदारों, दोस्तों और करीब के लोगो के लिए हसी मज़ाक का माहौल बन जाता है। इस तरह सभी एक दूसरे के साथ बैठ कर काफी ज़्यादा मस्ती मज़ाक करते है। अक्सर घर के बच्चे सभी बड़ो को उल्लू बनाने में पीछे नहीं हटते। सभी बच्चे इस दिन काफी ज़्यादा खुश नज़र आते है। इस दिन को बच्चे सभी के साथ हसि मज़ाक करते है और नए नए तरीके ढूढ़ते है ताकि वह बड़ो को उल्लू बना सके। इस दिन बच्चो में भी काफी हसी ख़ुशी का माहौल देख ने को मिलता है।
वैसे तो सभी इस दिन को ले कर अपने अपने विचार रखते है और इतिहास बताते है। परन्तु कुछ लोगो का मानना है कि यह एक प्राचीन रोमन त्यौहार “हिलारिया” से जुड़ा हुआ है। जो कि सब से पहले 25 मार्च को मनाया जाता था। इस दिन को ले कर अक्सर पहले के लोग हसी मज़ाक करते थे तथा दूसरे लोगो को मुर्ख बनाया करते थे। तथा कुछ लोगो का यह मानना है कि अप्रैल फूल डे की शुरुवात 16वीं शताब्दी में फ्रांस में हुई थी। आप की जानकारी कि लिए बता दिया जाए कि पहले 1 अप्रैल के दिन ही फ्रांस में नया साल मनाया जाता था।
सन् 1582 में फ़्रांसिसी राजा चार्ल्स IX ने 1 जनवरी को नया साल के रूप में मनाने का फैसला लिया। परन्तु कुछ लोग इसे बदलाव को स्वीकार ना कर सके और साथ ही वह 1 अप्रैल को ही नए साल के रूप में मनाने लगे। जिस कारण इन लोगो को अप्रैल फूल कहा जाता था। जिस कारण यह धीरे धीरे पुरे दुनिया भर में अप्रैल फूल को का चाल चलन बढ़ने लगा। यह एक ऐसा दिन है जो मज़ाक और सिर्फ हसी हसाव से जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग फिर एक दूसरे को झूठी बात बोल कर उन्हें मूर्क बनाते यही वो दूसरे लोग पे लागू होता है कि वह इस दिन मुर्ख बनते है या नहीं।
इस दिन लोग अपने घर पर भी अप्रैल फूल को बड़े ही धूम धाम से मनाते है। लोग इस दिन अपने घर को सजाते है और सभी मिल कर इसे सेलिब्रेट करते है। विदेश में तो इस डे को बड़े अच्छे तरीके से मनाते है। आप की जानकारी के लिए बता दे कि इटली, फ्रांस और बेल्जियम में इस दिन को अलग अलग तरीको से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे के पीठ में कागज़ से बनी मछली को चिपका देते है। जिस कारण कई देशो में अप्रैल फूल को अप्रैल फिश के नाम से भी जाना जाता है।
वही अपने भारत देश में भी अप्रैल डे को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।इस दिन को मानाने की शुरुवात भारत देश में 19वीं शताब्दी में अंग्रेज़ो द्वारा की गयी थी। उस समय अपने भारत देश में अंग्रेज़ो का साशन हुआ करता था। उस समय अँगरेज़ अपने संस्कृति और अपने रीती रिवाज़ को बहरत में भी लाना चाहते थे। जिस में अप्रैल फूल डे भी उस में शामिल था।
धीरे धीरे इस दिन को भारत देश में भी ज़ोरो शोरो से मनाने लगे। अप्रैल फूल का दिन भी भारत देश में काफी ही ज़्यादा लोकप्रिय होने लगा। ना केवल शहरों में मनाया जाता है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस दिन को बड़े ही मस्ती मज़ाक से मनाते है। आज कल सोशल मीडिया का काफी ज़्यादा कझाल चलन है। जिस कारण लोग सोशल मीडिया के ज़रिये एक दूसरे को अप्रैल फूल बनाते है।