आप सभी को पोंगल की हार्दिक शुभकामनाएं।आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे कि पोंगल दक्षिण भारत में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। ये त्यौहार दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, केरल तथा तमिलनाडु में बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। आपको बता दे कि ये एक हिन्दू पर्व है। इस त्यौहार की लोगो में बहुत ही ज्यादा मान्यता है। लोग इस दिन को बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाते है। आपको बता दे की इस दिन इंद्र देव की पूजा की जाती है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि पोंगल हर साल बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुवात आज 15 जनवरी को हो गयी है तथा इसकी समाप्ति 18 जनवरी को होगी। आपको बता दे कि इस त्यौहार को भोगी पोंगल के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग वर्षा के देवता इंद्र देव की बहुत ही श्रद्धा भाव से पूजा करते है तथा उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते है। आपको हम बता दे कि ये त्यौहार पोंगल फसलों से जुड़ा हुआ है। जिस प्रकार पंजाब में लोहड़ी और मक्कार संक्रांत मनाई जाती है ठीक उसी प्रकार पोंगल को मनाया जाता है।
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पोंगल भी लोहड़ी की ही भांति फसलों से जुड़ा हुआ त्यौहार है। इस दिन लोग फसलों तथा कृषि की पूजा क्रेट है। आपको बता दे की पोंगल के दूसरे दिन को “थाई पोंगल” के नाम से पुकारा जाता है तथा इस दिन सूर्य भगवान्, नदी तथा कन्याओ की पूजा की जाती है। पोंगल के तीसरे दिन को “मट्टू पोंगल” कहा जाता है तथा चौथे दिन को “कन्नम पोंगल” कहा जाता है। आपको बता दे की पोंगल के हर दिन अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। लोग अलग अलग रीती रिवाजो का पालन करते है था चारो ही दिन को परम्परा के साथ मनाया जाता है।
आपको हम बता दे की तमिलनाडु में पोंगल त्यौहार के बाद ही लोग नए वर्ष का शुभ आरम्भ करते है। इसके साथ ही आपको बता दे की पोंगल का इतिहास 2000 साल पुराना बताया जाता है। ये त्यौहार तमिल महोने तई की पहली तारीख से ही शुरू हो जाता है। इस दिन लोग सूर्य देव तथा इंद्र देव की पूजा अर्चना करते है। इस दिन लोग अपनी अच्छी फसलों के लिए भगवान् का शुक्रिया अदा करते है।
आपको बता दे की लोग इस दिन गाय और बैलो की भी पूजा करते है। इस त्यौहार को दक्षिण भारत में बहुत ही धूम धड़ाके के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को मानाने के लिए लोग पहले से ह तैयारियों में जुट जाते है। इस दिन लोगो की ख़ुशी देखने वाली होती है। उनके जीवन में इस त्यौहार का बहुत ही महत्व होता है तथ अलग पुरे साल इस त्यौहार का इंतजार करते है।
आइये तो अब हम आपको बताते है कि पोंगल को दक्षिण भारत में किस प्रकार मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि पोंगल के पहले दिन लोग सुबह उठ क्र स्नान करते है इसके बाद वो नए कपड़े अदि पहनते है। लोग इस दिन भगवान् को जो भी प्रसाद चढ़ाते है वो नए बर्तन में बनाया जाता है। इस दिन लोग दूध, चावल, गुड़, काजू आदि की चीजों से प्रशाद तैयार करते है।
प्रशाद तैयार करने के बाद लोग सूर्य देव को इसका भोग लगते है और भोग लगाने के बाद लोग एक दूसरे को पोंगल की बधाई देते है। आपको बता दे की इस दिन लोग अपने घर पर पड़ी पुरानी तथा ख़राब चीजों की होली भी जलाते है। इस दिन लोग अपने घरो को विशेष तोर पर सजाते है तथा लोग अपने घर पर कई प्रकार की खाने पीने की चीजे भी बनाते है।
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