Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि एक पवित्र और महान हिंदू उत्सव है, जिसका महत्व समस्त हिंदू समाज में है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और मनोहर तीर्थ यात्रा का अनुवाद होता है। आज हम आप सभी को आर्टिकल में बात करने वाले हैं महाशिवरात्रि के बारे में। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और उस दिन को हम सभी महाशिवरात्रि के नाम से जानते हैं। आइये जानते हैं इस दिन के महत्व, पूजा विधि और तिथि के बारे में।
Mahashivratri का महत्व :
महाशिवरात्रि एक पवित्र और महान हिंदू उत्सव है, जिसका महत्व समस्त हिंदू समाज में है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और मनोहर तीर्थ यात्रा का अनुवाद होता है। इस दिन लोग भगवान शिव को पूजकर्ता होकर सम्मान और स्तुतियों से भरपूर करते हैं। इस दिन के परिणाम में, लोग भगवान शिव की आशा और कामना करके उनके चरणों में ध्यान देते हैं।
यह भी पढ़ें :-Article 370 Box Office Day Collection Day 13 : Article 370 की फिल्म ने किया 100 आंकड़ा पार, पढ़ें पूरी ख़बर।
Mahashivratri कब होती है ?
महाशिवरात्रि का तारीख सूरज सम्बद्ध है। इस दिन सूरज की चांद्रमा के साथ सम्मिलित होते हैं। इस दिन रात्रि का अर्थ बड़ा होता है, इसलिए यह महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि केवल एक दिन होती है, लेकिन इसकी पूजा और तीर्थ यात्रा रात्रि के रूप में श्रेष्ठ होती है।
Mahashivratri के पूर्वविधि :
महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने वालों को पूर्वकालीन पूर्वविधि के अनुसार करना पड़ता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के पहले, लोग स्नान लेते हैं। इस दिन के पूर्वविधि में, लोग पूजा करते समय भगवान शिव के चरणों में ध्यान देते हैं। इस दिन के पूर्वविधि में, भगवान शिव के चरणों में ध्यान देते हुए पूजा करना पड़ता है।
Mahashivratri के प्रक्रिया :
महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने वालों को पूर्वविधि के अनुसार करना पड़ता है। इस दिन के प्रक्रिया में, लोग शिवलिंग के पास स्नान लेते हैं। इस दिन के प्रक्रिया में, लोग भगवान शिव की मूर्ति को पूजा करके आराधना करते हैं। इस दिन के प्रक्रिया में, लोग भगवान शिव को स्तुतियों और भजनों से सम्मानित करते हैं।
Mahashivratri के संबंधित तीर्थ यात्राओं :
महाशिवरात्रि के दिन लोग भगवान शिव की मूर्तिं स्नान लेते हैं। इस दिन के संबंधित तीर्थ यात्राओं में, जयंतीश्वर महादेव का नामक एक प्रमुख तीर्थ है। इस दिन के संबंधित तीर्थ यात्राओं में, वारानासी का कशीविष्णु मंदिर भी प्रतिगत होता है।