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National Girl Child Day :- “बेटियां है वरदान न करें इनका अपमान।” जानिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास के बारे में।

National Girl Child Day :-

आप सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी को बता दे की आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है। इस दिन को भारत में बहुत ही अच्छी तरह से मनाया जाता है। आपको बता दे की इस दिन को मानाने के पीछे एक कारन है। इस दिन की इतिहास इंदिरा गाँधी जी से जुड़ा है। आपको बता दे की इस दिन इंदिरा गाँधी जी ने प्रधान मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे की इंदिरा गाँधी जी हमारे देश की पहली महिला प्रधान मंत्री थी।

उन्होंने देश की रक्षा के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किये थे। आपको बता दे की इंदिरा गाँधी जी ने देश की महिलाओ के जीवन को सुधारने के लिए अनगिनत कार्य किये थे। उन्होंने देश की सभी लड़कियों तथा महिलाओ को पढ़ने के आग्रह किया। सभी लड़कियों को पढ़ने तथा जीवन में कुछ कर दिखाने के लिए उन्होंने लड़कियो को जागरूक किया।

आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दे की इस दिन की शुरुवात 2008 से हुई थी। 2008 से ही इस दिन को भारत में मनाया जा रहा है। इस दिन के द्वारा देश के लोगो की महिलाओ के महत्व के बारे में बताया जाता है। इसके साथ ही हम आपको बता दे की 22 जनवरी 2015 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक योजना का आरम्भ किया था। इस योजना का नाम है “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” .इस योजना की याद को बनाये रखने के लिए हर साल 24 को बालिका दिवस मनाया जाता है।

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National Girl Child Day :- "बेटियां है वरदान न करें इनका अपमान।" जानिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास के बारे में।

आपको बता दे की इस दिन को मानाने का उदेश्य यही है की इस के द्वारा लड़कियों को सशक्त बनाना है। इस के द्वारा लड़कियों को ये सिखाया जाता है की उनके कभी की मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि डट कर मुश्किलों का सामना करना चाइये। जैसा की आप सभी को पता ही है की देश में अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे है। हर साल हमे कोई न कोई अपराध हुआ सुनने को मिलता है। कहि लड़कियों को अगवाह कर लिया जाता है तो कही लड़किया बलात्कार की शिकार हो जाती है।

इन सभी अपराधों से महिलाओ को जागरूक करवाने के लिए ही बालिका दिवस मनाया है ताकि महिलाये अपनी शक्ति को पहंचान सके और अपराधियों का डट कर मुकाबला क्र सके। आपको बता की प्राचीन काल में हमारे देश की महिलाओ की स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी। उन पर कई प्रकार के पाबंध लगाए गए थे। महिला को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। घर के सभी महत्पूर्ण फैसले घर के पुरुष ही करते है। घर में महिला पर बहुत ही ज्यादा अपराध किया जाता था।

आपको बता दे की लड़कियों को पड़ने का अधिकार भी नहीं था। उन्हें केवल घर के कार्यो तक ही सिमित रखा जाता था। आपको बता दे की पहल के समय में बहुत सी कुप्रथाए भी थी। बाल विवाह की प्रथा ने तो मानो लड़कियों का जीवन ही नष्ट कर दिया था। इन सभी कुप्रथाओ का अंत करने के लिए कई महापुरुषों ने जन्म लिया था तथा उन्होंने लड़कियों के जीवन के सुधर में कई कार्य भी किये थे।

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आपको बता दे की आज के समय में लड़किया काफी आगे बढ़ गयी है। आज देश की महिलाये पुरुषो के कंधे से कन्धा मिला कर चल रही है। हर एक कार्य छेत्र में महिलाएं आगे बढ़ चूकी। मोदी जी की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना का लाभ उठा कर महिलाये आज बहुत से कर्यो में आगे बढ़ गयी है। आपको बता दे की इस योजना का मात्र उदेश्य यही है की हमे अपने देश की महिलाओ तथा अपने घर की बहन बेटियों को शसक्त बनाना चाहिए।

National Girl Child Day :- "बेटियां है वरदान न करें इनका अपमान।" जानिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के इतिहास के बारे में।

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