14 Hours :-
रविवार शाम (29 जून, 2025) से भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में भारी बारिश की सूचना दी है। सोमवार सुबह 8:30 बजे तक राजधानी की प्राथमिक वेधशाला सफदरजंग में पिछले 24 घंटों में 14 मिमी बारिश हुई थी। इसी दौरान लोधी रोड पर 17.3 मिमी और पालम में 16.2 मिमी बारिश हुई। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों के लिए मौसम विभाग के येलो नोटिस के परिणामस्वरूप अगले कुछ घंटों में और अधिक बारिश होने का अनुमान है।
इस चेतावनी के चलते लोगों को उचित सुरक्षा उपाय अपनाने को कहा गया है। राजधानी के कई इलाकों में हल्का जलभराव हो गया, जिससे यातायात धीमा हो गया और दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है।
बारिश से सिर्फ़ दिल्ली ही प्रभावित नहीं हुई, हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। कुल्लू जिले के मनाली और बंजार उपमंडलों में बारिश के कारण सभी शिक्षण संस्थान सोमवार यानी 30 जून 2025 को बंद रहेंगे। इसमें सरकारी और निजी स्कूल, आईटीआई, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और आंगनवाड़ी केंद्र सभी शामिल हैं। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनाली ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया है।
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 24 घंटों में हुई बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई जिलों में भूस्खलन, जलभराव और सड़क संपर्क बाधित होने की खबरें हैं। प्रभावित जिलों में शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और बिलासपुर शामिल हैं। इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने का अनुमान है, जबकि कुछ इलाकों में बहुत ज़्यादा बारिश हो सकती है।
भूस्खलन की वजह से कई मार्गों पर आवाजाही बाधित है। कुछ स्थानों पर संचार और ऊर्जा सेवाएं भी बाधित हुई हैं। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और पुलिस टीमों को सूचित कर दिया गया है और स्थानीय सरकार लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।
बाढ़ की आशंका के चलते निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। साथ ही, प्रतिकूल मौसम के कारण यात्रियों को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने सख्त चेतावनी जारी की है कि आगे भी भारी बारिश हो सकती है और अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम अस्थिर रह सकता है।
राहत और बचाव प्रयासों के लिए राज्य सरकार ने हर जिले में आपदा प्रबंधन दल भेजे हैं और नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया गया है।
पहाड़ी इलाकों में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होने के अलावा, इस अप्रत्याशित रूप से तेज़ बारिश ने देश की राजधानी दिल्ली में भी कई तरह की परेशानियाँ खड़ी कर दी हैं। हाल ही में हुई बारिश से बेशक गर्मी से कुछ राहत मिली है, लेकिन कई जगहों पर अभी भी जोखिम बना हुआ है।
प्रशासन और मौसम विभाग लगातार लोगों से सुरक्षित रहने की अपील कर रहा है। शहर के निचले और ढलान वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को अगले तीन दिनों तक अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
What effects did the unexpected downpour have on Delhi and Himachal Pradesh’s daily lives? :-
14 Hours 29 जून 2025 की शाम से लेकर 30 जून की सुबह तक हुई भारी बारिश से दिल्ली-एनसीआर और हिमाचल प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस बारिश का पूर्वानुमान भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने लगाया था, लेकिन इसके असर और गंभीरता ने अप्रत्याशित रूप से आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी। बारिश ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया, जिससे राजधानी दिल्ली से लेकर हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई।
दिल्ली-एनसीआर में रविवार शाम से बारिश का दौर शुरू हुआ और सोमवार सुबह तक जारी रहा। पालम और लोदी रोड जैसी जगहों पर क्रमशः 16.2 मिमी और 17.3 मिमी बारिश हुई, जबकि सफदरजंग वेधशाला ने 14 मिमी बारिश दर्ज की। इस बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात में देरी हुई। ऑटो और टैक्सी सेवाएं प्रभावित रहीं, जिससे कार्यालय कर्मचारियों को काफी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ी। इसके अलावा, दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशनों के प्रवेश द्वारों के बाहर जलभराव देखा गया, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई।
स्कूल बसों के समय पर न पहुंच पाने के कारण कई निजी स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों को घर पर ही पढ़ने की अनुमति दे दी। रिंग रोड, मथुरा रोड और धौला कुआं जैसी प्रमुख सड़कों पर जलभराव के कारण कई वाहन रुक गए, जिससे यात्रियों को घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ा। अधिकारियों ने पीले अलर्ट के कारण नागरिकों से अत्यधिक आवश्यक मामलों में ही अपने घरों से बाहर निकलने का आग्रह किया। कई स्थानों पर, विशेष रूप से उन स्थानों पर जहां पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं, बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई।
हिमाचल प्रदेश में स्थिति काफी खराब थी। कुल्लू जिले के मनाली और बंजार उपखंडों में बारिश के कारण स्कूल, आईटीआई, व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाएं और आंगनवाड़ी केंद्र सहित सभी शैक्षणिक सुविधाएं बंद करनी पड़ीं। आईएमडी की चेतावनी के बाद उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने कर्मियों और बच्चों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया।
भारी बारिश के कारण शिमला, मंडी, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर सहित हिमाचल के अन्य जिलों में भूस्खलन और यातायात में बाधा उत्पन्न हुई। कई समुदायों ने जिला कार्यालय से संपर्क करना बंद कर दिया। सड़कों को साफ करने और बिजली बहाल करने के लिए स्थानीय सरकार को मशीनें भेजनी पड़ीं। कुछ दूरदराज के इलाकों में संचार सेवाएं भी बाधित हुईं।
इसके अलावा, पर्यटन स्थलों पर भी भारी असर पड़ा है। भारी बारिश के कारण पर्यटकों को मनाली, धर्मशाला और शिमला जैसे हिल स्टेशनों पर होटलों में ही रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, कुछ पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत कर्मियों को बुलाया गया है।
बारिश से खेती भी प्रभावित हुई है। किसानों की खड़ी फसलें भीगने से नुकसान की आशंका है। मवेशियों के बाड़े अक्सर पानी में डूबे रहने के कारण पशुपालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है और अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। प्रशासन ने नागरिकों से सरकारी मौसम संबंधी जानकारी पर नज़र रखने और आपातकालीन स्थिति में हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने का आग्रह किया है।
नतीजतन, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में लाखों लोगों को इस एक दिन की अप्रत्याशित बारिश के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस तथ्य के बावजूद कि इसने तापमान को कम किया और कुछ राहत प्रदान की, इसने दैनिक जीवन को भी प्रभावित किया, जिसके दीर्घकालिक परिणाम हुए।
Hong Kong League Disbands 2025 | लोकतंत्र समर्थक दल भंग
What actions and warnings did the IMD and local authorities issue? :-
14 Hours 29 जून, 2025 की शाम से शुरू हुई भीषण बारिश ने भारतीय मौसम विभाग (IMD) और स्थानीय सरकार को कई महत्वपूर्ण चेतावनियाँ और कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया है। दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे स्थानों पर अचानक और लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ, इसलिए अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी।
सबसे पहले, मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर को **येलो अलर्ट** के तहत घोषित किया। इस अलर्ट का उद्देश्य लोगों को संभावित मौसम संबंधी खतरों के बारे में चेतावनी देना था, खास तौर पर उन्हें बहुत ज़्यादा बारिश होने पर सावधानी बरतने और उसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में चेतावनी देना। येलो नोटिस से संकेत मिलता है कि हालांकि मौसम ख़तरनाक नहीं है, लेकिन लोगों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि इससे उनकी सामान्य दिनचर्या में व्यवधान आ सकता है। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर ट्रैफ़िक जाम, जलभराव और सार्वजनिक परिवहन में देरी जैसी समस्याएँ देखी गईं।
दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला केंद्र में कुल 14 मिमी, पालम में 16.2 मिमी और लोधी रोड में 17.3 मिमी बारिश हुई। इसके परिणामस्वरूप कई प्रमुख राजमार्गों पर पानी भर गया, जिससे सुबह काम पर जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। जलभराव की समस्या को दूर करने और जल्द से जल्द जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कर्मियों को तैनात किया।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश में स्थिति और भी भयावह थी। कुल्लू जिले के मनाली और बंजार उपखंडों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की थी। स्थानीय सरकार ने इस चेतावनी को गंभीरता से लिया और सोमवार 30 जून को सभी स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किए। इसमें आईटीआई, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र और सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल शामिल हैं। मनाली के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह के जोखिम को रोकने के लिए यह फैसला सुनाया।
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भूस्खलन, जलभराव और संचार व्यवस्था बाधित होने की खबरें आई हैं। **बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा** जैसे जिलों में आईएमडी ने हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान लगाया है। हालांकि, इसने चेतावनी दी है कि कुछ इलाकों में **तेज से बहुत तेज बारिश** हो सकती है। राज्य सरकार ने इस परिदृश्य की आशंका में सभी जिला प्रशासनों को हाई अलर्ट पर रखा है।
किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सरकार ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) और NDRF तथा पुलिस बलों से अनुरोध किया है कि वे तैयार रहें और सतर्क रहें। निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने और कुछ संवेदनशील इलाकों में ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसके अलावा, खराब मौसम के कारण आगंतुकों को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में न जाने की सख्त सलाह दी गई है। सरकार मौसम और यातायात पर कड़ी नज़र रखती है, खासकर मनाली, रोहतांग और शिमला जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के आसपास। पुलिस ने कई स्थानों पर अस्थायी रूप से सड़कें और चेतावनी संकेत अवरुद्ध कर दिए हैं।
सभी बातों पर विचार करने के बाद, आईएमडी और स्थानीय सरकार ने स्थिति को संभालने और सार्वजनिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए तेज़ी से और कुशलता से काम किया है। हालाँकि, त्वरित चेतावनियों और आक्रामक प्रशासनिक उपायों के कारण अब तक कोई महत्वपूर्ण हताहत नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक है, और लोगों को मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है।