UFO: भारत के मणिपुर में हुई एक घटना ने एक बार फिर से एलियंस और यूएफओ के बारे में चर्चा को बढ़ा दिया है। जिसने फिर से एक बार इस बहस को तजा कर दिया है। भारत में मणिपुर में एक ऐसी अनोखी चीज़ देखी गए है , जिसका असर सभी उड़ानों की आवाजाही पर पड़ा। हवा में येह चीज़ काफी देर तक उड़ती नजर आई ,जिसके बाद एयरफाॅर्स हरकत में नजर आई देखी और फाइटर जेट राफेल को भी उड़ान भरनी पडी। हवा में उड़ रही इस वस्तु को हम UFO के नाम से जानते हैं. आज हम आपको इस UFO के बारे में जानकारी दे रहे हैं कि यह क्या है और इसके बारे में क्या शंका हैं।
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UFO: मणिपुर में क्या दिखा?
आए देखे सबसे पहले ये जान लेते है की मणिपुर में हुआ क्या , जब पूरा देश वर्ल्ड कप देखने में लगा था , तभी इंफाल में एयरपोर्ट के नजदीक UFO देखा गया। ये देखने में एक सफेद रंग का ऑब्जेक्ट था, जिसे कई लोगों ने अपने कैमरे में कैद भी किया. इस घटना के बाद कई फ्लाइट्स को डायवर्ट कर दिया गया .एयरफोर्स वालो को सूचना दी गई और इसके बाद इसे मारने के लिए दो राफेल जेट हवा में भेजे गए, हालांकि तब तक वह चीज़ गायब हो चुकी थी। अभी तक पता नहीं चल पाया कि ये चीज़ क्या थी।
What on earth is this! A UFO sighting in Imphal?
Courtesy-Imphalgram pic.twitter.com/kAKRUL45c6
— Sneha Mordani (@snehamordani) November 20, 2023
इस घटना के बाद लोगों ने ट्विटर पर एलियंस की अफवाह फैला दी. लोगों का कहना है कि एलियंस अमेरिका से निकलकर अब भारत पहुंच गए हैं। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि चीन की सीमा से सटे मणिपुर में देखी गई यह वस्तु जासूसी का कोई अपना तरीका भी हो सकता है।
UFO: क्या होता है जासूसी गुब्बारा?
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या चीन गुब्बारों के जरिए भारत की जासूसी कर रहा है? इसी साल एक ऐसे ही चीनी गुब्बारे को अमेरिका ने मार गिराया था. इंफाल एयरपोर्ट पर जैसे ही CISF जवानों की नजर इस अज्ञात उड़ने वाली वस्तु पर पड़ी. उन्होंने इसकी सूचना एयरपोर्ट निदेशक को दी. निदेशक ने इसकी जानकारी वायुसेना को दी. इस रिपोर्ट के बाद भारतीय वायुसेना ने तुरंत अपने दो राफेल लड़ाकू विमानों को उस यूएफओ की तलाश में भेजा।
जासूसी गुब्बारा वास्तव में एक गैस से भरा गुब्बारा होता है जो नागरिक विमान के समान ऊंचाई पर उड़ता है। इसके नीचे बेहद जटिल कैमरे या इमेजिंग तकनीक लगाई गई है। वे जमीन को देखते हैं और अलग हिस्सों, इमारतों, वर्गीकृत स्थानों, खुफिया स्थानों की तस्वीरें लेते हैं। यानी तस्वीरों के जरिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सकती है.
UFO: जासूसी सैटेलाइट के बजाय गुब्बारा क्यों?
आमतौर पर सैटेलाइट का इस्तेमाल अंतरिक्ष से जासूसी करने के लिए किया जाता है. लेकिन ऐसे ख़ुफ़िया गुब्बारों का इस्तेमाल कोई क्यों करना चाहेगा? दरअसल उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाता है। इसलिए वांछित डेटा या चित्र उपलब्ध नहीं है. पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाने वाले उपग्रह बहुत स्पष्ट तस्वीरें नहीं ले पाते हैं। लेकिन विमान की ऊंचाई पर उड़ने वाले जासूसी गुब्बारे यह काम आसानी से कर लेते हैं।
यदि उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा है तो उसे उसी बिंदु तक पहुंचने में लगभग 90 मिनट लगेंगे। इसलिए फोटो में दिक्कत आ रही है. लेकिन गुब्बारों के मामले में ऐसा नहीं है. यह एक ही स्थान पर लम्बे समय तक रह सकता है। लगातार तस्वीरें ले सकते हैं. अन्य उपग्रह जो भूतुल्यकाली कक्षा में हैं। उनकी तस्वीरें कम ही साफ़ आती हैं.
UFO: क्या होता है यूएफओ?
अब जानते हैं कि यह UFO क्या है और इसका संबंध एलियंस से क्यों है। यूएफओ का मतलब है अज्ञात वस्तु, यानी ऐसी चीज जिसकी पहचान न की जा सके। आमतौर पर अमेरिका जैसे देशों में इन कॉन्सेप्ट काफी चर्चा होती है. ऐसे कई सिद्धांत हैं जिनमें कहा जाता है कि दूसरे ग्रहों से आने वाले लोग इन यूएफओ में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं। हालाँकि, यह थ्योरी अब तक सही साबित नहीं हुई है और न ही कोई ऐसा ठोस सबूत मिला है।
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